ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने सोमवार को घोषणा की कि अगर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार मुसलमानों के लिए आरक्षण बहाल करती है तो उनकी पार्टी महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होने कहा, “हर बार जब हम मुसलमानों के लिए कोटा के लिए आवाज उठाते हैं, सत्ताधारी पार्टी के नेता कहते हैं कि यह एक चुनावी हथकंडा है। अपनी बात को साबित करने के लिए, सरकार के लिए यह हमारी खुली चुनौती है कि अगर वह मुसलमानों को आरक्षण देती है तो हम महाराष्ट्र में किसी भी आगामी स्थानीय चुनाव में नहीं लड़ेंगे।
2013 में महाराष्ट्र में एनसीपी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा मुसलमानों को 5% आरक्षण दिया गया था लेकिन 2014 में इसे भाजपा सरकार ने रद्द कर दिया था।
जलील ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मुस्लिम आरक्षण के समर्थन में राज्य विधानसभा में कोई विधेयक पेश नहीं किया गया तो एआईएमआईएम अपना आंदोलन तेज करेगी।