ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
आज यानी 1 फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है. कल्पना चावला पहली भारतीय मूल की महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय किया था. अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के ऊपर कई लेख पढ़ने और उनके वीडियो देखने के बाद मोहद्दसा ने अपने माता-पिता को बताया कि मैं एविएशन इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहती हूं. लेकिन रिश्तेदार खुश नहीं है. उनकी टिप्पणी है कि मौलाना और अलेमा होने के बाद भी उन्होंने अपनी बेटी को पायलट ट्रेनिंग के लिए भेज दिया.
अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला से प्रभावित 27 साल की हिजाब पहनने वाली एक भारतीय युवती ने हाल ही में कमर्शियल पायलट का लाइसेंस हासिल किया है. यह लाइसेंस पाने वाली वह महाराष्ट्र राज्य की पहली शिया युवती बन गई है.
यह उपलब्धि हासिल की है मौलाना शेर मोहम्मद जाफरी और अलेमा फराह जाफरी की बेटी मोहद्दसा जाफरी ने. मोहद्दसा हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से अपना प्रशिक्षण पूरा करके लौटी हैं. फरवरी 2003में स्पेस शटल कोलंबिया हादसे में जब भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मौत हुई थी, तब मोहद्दसा की उम्र सात साल थी.
कल्पना के निधन के बाद देश भर में उनके पोस्टर और बैनर लगाए गए थे. इन्हें देख मोहद्दसा ने अपने पिता से कल्पना के बारे में पूछा था. इस पर उनके पिता ने उसे कल्पना चावला की कहानी सुनाई और बताया कि वह कितनी बहादुर थीं. कल्पना की कहानी सुनने के बाद मोहद्दसा उनकी फैन हो गई थीं.
कल्पना के ऊपर कई लेख पढ़ने और उनके वीडियो देखने के बाद मोहद्दसा ने अपने माता-पिता को बताया कि मैं एविएशन इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहती हूं. आखिरकार साल 2020में उन्हें दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में एक फ्लाइंग स्कूल में दाखिला लिया था.
हालांकि मोहद्दसा के रिश्तेदार इस फैसले से खुश नहीं थे. उन्होंने उनके माता-पिता पर ऐसी टिप्पणियां भी कीं कि मौलाना और अलेमा होने के बाद भी उन्होंने अपनी बेटी को पायलट ट्रेनिंग के लिए भेज दिया. लेकिन उसके माता-पिता ने इन सब बातों पर ध्यान न देकर अपनी बेटी का समर्थन किया.
अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला विश्व की महिलाएं धरती से आसमान तक अपने हुनर, काबिलियत का परचम लहरा रही हैं. भारतीय महिलाओं की बात करें तो राजनीति से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक, कला क्षेत्र से लेकर खेल जगत जगत तक हर क्षेत्र में दमदार भूमिका में हैं. वर्तमान में महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने में इतिहास की कुछ दमदार महिलाओं की भूमिका अहम रही. आज हम चांद और मंगल ग्रह पर रहने की तैयारी कर रहे हैं.
लेकिन अंतरिक्ष में रहने के सपने दिखाने वालों में एक भारतीय मूल की एक महिला भी शामिल है. इस महिला का नाम कल्पना चावला है. कल्पना चावला पहली भारतीय मूल की महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय किया था. उनकी इस उपलब्धि से महज महिलाओं को प्रेरणा नहीं मिली, बल्कि भारत के लिए गौरव और विश्व के लिए ऐतिहासिक पल बन गया. 1 फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है. वर्ष 2003 में कल्पना चावला का निधन तब हुआ जब कोलंबिया स्पेस शटल उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई.
Remembering India's🇮🇳 first woman astronaut in space Kalpana Chawla on her death anniversary! 💔
She will always be an inspiration to millions across the globe.Kalpana chawla ji was from (karnal haryana) entire haryana and whole india is proud of you#कल्पना_चावला#KalpanaChawla pic.twitter.com/u5vCGKnqsI— 𝐀𝐧𝐨𝐨𝐩 𝐬𝐢𝐧𝐠𝐡 (@kadyan_anoop) February 1, 2023
20 years ago #otd – Astronaut Kalpana Chawla, and six fellow astronauts died when space shuttle #Columbia broke up during re-entry into the earth's atmosphere.
The accident was caused by a piece of insulating foam that broke up during launch, damaging thermal some insulation. pic.twitter.com/GOnGsYBIEZ
— Amit Paranjape (@aparanjape) February 1, 2023
Remembering the brave Indian-American astronaut Kalpana Chawla on her death anniversary.#KalpanaChawla pic.twitter.com/FOaON3qomH
— Rekha Sharma (@sharmarekha) February 1, 2023
Remembering India's first woman astronaut in space #KalpanaChawla on her death anniversary. Her talent and hard work have inspired young people in India & around Earth to consider careers in spaceflight.
Listen Kalpana's talk with PM Ik Gujral👇 pic.twitter.com/pa5poNdKzo
— Dayanand Kamble (@dayakamPR) February 1, 2023
साभार: आवाज़ द वॉइस