तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने स्वीडन और फ़िनलैंड की संभावित नाटो सदस्यता को संदेह में डाल दिया है। दरअसल दोनों देश यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन करने के कगार पर हैं।
एर्दोगन ने शुक्रवार को इस्तांबुल में प्रेस को बताया, “हम स्वीडन और फिनलैंड के बारे में घटनाक्रम का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन हम सकारात्मक विचार नहीं रखते हैं।”
तुर्की 1952 में नाटो में शामिल हुआ, और 30 सदस्यीय गठबंधन में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी सेना है।
एर्दोगन ने नॉर्डिक देशों में कुर्द वर्कर्स पार्टी या पीकेके के सदस्यों की मेजबानी का हवाला दिया, जिसे तुर्की एक आतंकवादी समूह मानता है।
एर्दोगन ने दावा किया कि देश “कई आतंकवादी संगठनों के घर” हैं।
उन्होंने 1952 में नाटो द्वारा ग्रीस को सदस्य के रूप में स्वीकार करने को एक गलती के रूप में संदर्भित किया। तुर्की और ग्रीस लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी हैं और नाटो के सदस्यों के रूप में भी एक दूसरे के खिलाफ संघर्ष में लड़े हैं।